"मुस्कुरा दो"
तुम कांपते लबों से,इक बार मुस्कुरा दो|
पागल मुझे बना के,इक बार मुस्कुरा दो|
इक रोज़ बुझ गया था, मेरा चराग दिल का
ये जल उठेगा फिर से,इक बार मुस्कुरा दो|
उजड़े हुए चमन में बरसों उदास बैठे
सब फूल खिल उठेंगे,इक बार मुस्कुरा दो|
बस्ती में आज जुगनू हर द्वार पे खड़े हैं
सब जगमगा उठेंगे,इक बार मुस्कुरा दो|
- कुलदीप "कमल"
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