कमल-ए-ग़ज़ल (kamal-e-gazal)
New shayris and gazals of "kamal"
Sunday, 13 December 2015
शेर
प्यार क्या है क्या वफ़ा है मै समझ सकता अगर ,
दिल मेरा उसकी ख़ुशी में यूं कभी जलता नहीं |
दोष क्या दें आज उनको हो गए जो बेवफा ,
प्यार शायद हमने ही दिल से कभी किया नहीं |
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कुलदीप "कमल"
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